लोकतंत्र का संकट: जब संस्थाएँ जनता को नहीं, सत्ता को जवाब देती हैं संस्थाओं की गिरती विश्वसनीयता: लोकतंत्र का क्षय …
लोकतंत्र संकट में

लोकतंत्र का संकट: जब संस्थाएँ जनता को नहीं, सत्ता को जवाब देती हैं संस्थाओं की गिरती विश्वसनीयता: लोकतंत्र का क्षय …
“प्रधानमंत्री की हत्या की साजिश” के नाम पर सरेआम एनकाउंटर और हत्याएँ लोकतंत्र की सबसे खतरनाक चुप्पी जब किसी देश …
अर्थव्यवस्था का संकट: उत्पादकता बनाम सट्टेबाजी (vicharvani.com संपादकीय संस्करण) भारत की अर्थव्यवस्था आज एक निर्णायक मोड़ पर खड़ी है। एक …
संत कबीर: उनका जीवन, दर्शन और सामाजिक क्राँति प्रस्तावना: सत्य की खोज सत्य क्या है? क्या यह मंदिरों की मूर्तियों …
वेदों की प्राचीनता: एक मिथक वेदों का भौगोलिक साक्ष्य और मौखिक मिथक: एक आलोचनात्मक विश्लेषण “वेद विश्व के सबसे प्राचीन …
जाति से मुक्ति का मार्ग: क्यों शूद्रों को बौद्ध धम्म अपनाना चाहिए “भले आप 75% हैं, परन्तु विभाजित हैं — …
RSS पर लगे आरोप, घटनात्मक टाइमलाइन और प्रमाण-स्तर लेख का उद्देश्य: RSS (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ) के ख़िलाफ़ उठने वाले प्रमुख …
RSS पर लगे आरोपों की समीक्षा — तथ्य, सबूत और न्यायिक स्थिति राजनीतिक आरोप सत्ता से सांठगांठ: RSS पर …
देश में पिछड़ों और अनुसूचितों पर अत्याचार वृद्धि: सत्ताधारी बेपरवाह एनसीआरबी आंकड़ों के अनुसार दलितों और आदिवासियों के विरुद्ध अपराधों …
धम्मचक्र प्रवर्तन दिवस: बहुजन चेतना का पुनर्जन्म 1. ऐतिहासिक क्षण का अर्थ 14 अक्टूबर 1956 — यह वह दिन है …